About Mughal Emperor Babur | Biography | Founder Of Mughal Dynasty | Full History And Facts About Babur
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बाबर का जीवन परिचय –
मुगल, मंगोल मूल के बरला जनजाति से आए थे, लेकिन बहुत समय से तुर्की क्षेत्रों में रहने किए कारण वो खुद को तुर्की मानते थे। इसलिए मुगल सम्राट ने तुर्कों से बहुत समर्थन हासिल किया और जिस सम्राज्य की उन्होनें नीवं रखी वह था, तुर्की नस्ल का “चगताई वंश” था। जिसका नाम चंगेज खां के दूसरे बेटे के नाम पर रखा गया था।
बाबर के पिता उमर शेख मिर्ज़ा फरगना नामक छोटे से राज्य के शासक थे। पिता की अचानक मृत्यु के बाद, शुरुआती दौर बाबर के लिए काफी चुनौती पूर्ण और संघर्षमय रहे और मात्र 12 साल की उम्र मे फ़रगना राज्य के शासन का कार्य संभाला। परन्तु उनके चाचाओं ने इस स्थिति का फायदा उठाया और बाबर को गद्दी से हटा दिया। कई वर्षों तक बाबर ने निर्वासन जीवन व्यतीत किया। सन 1496 में उज्बेक शहर समरकंद पर आक्रमण किया और उसे जीत लिया साथ ही अपना पैतृक राज्य फरगना भी ले लिया परन्तु ज्यादा समय तक राज्य नहीं कर पाए और उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
परन्तु इस संकट की घडी में भी बाबर के कई सहयोगिओं ने उनका साथ नहीं छोड़ा व उसके बाद बाबर ने कई वर्षों तक अपनी सेना बनाने पर ध्यान केंद्रित किया व अपनी प्रतिभा के दम पे सही स्थिति का फायदा उठाकर 1504 में काबुल पर अपना नियंत्रण स्थापित किया, जिसके बाद उन्होंने "पादशाह" की उपाधि धारण की। पादशाह से पहले बाबर ”मिर्जा” की पैतृक उपाधि धारण करते थे।
बाबर की मातृ भाषा चग़ताई थी। चगताई भाषा में उन्होंने अपनी जीवनी भी लिखी थी परन्तु उन्हें फ़ारसी भाषा में भी महारत हासिल थी।बाबर की 11 रानियां थी जिनसे इन्हे 20 बच्चे हुए। बाबर ने अपने पहले बेटे हुमायूं को अपना उत्तरराधिकारी बनाया था।
बाबर की विभिन्न युद्ध प्रणलियाँ :-
बाबर ने अपने जीवन काल में बहुत सी युद्ध प्रणलियाँ सीखी जिनका प्रयोग उन्होंने विभिन्न युद्ध जीतने मे किया।बाबर का भारत में आगमन :-
दिल्ली सल्तनत पर खिलजी राजवंश के पतन के बाद अराजकता बनी हुई थी। तैमूरलंग के आक्रमण के बाद सैय्यदों ने स्थिति का फायदा उठाकर दिल्ली की सत्ता पर आधिपत्य स्थापित कर लिया। तैमूरलंग के द्धारा पंजाब का शासक बनाए जाने के बाद ख्रिज खान ने सय्यद वंश की स्थापना की। बाद में लोदी राजवंश के अफगानों ने सय्यदों को हटा के अपना सत्ता स्थापित कर ली। इसलिए बाबर को लगता था कि दिल्ली पर फिर से तैमूर वंशियों का शासन होना चाहिए।
बाबर ने जब दिल्ली पर आक्रमण किया तब भारत में काफी बिखराव की स्थिति थी। दिल्ली पर हमला करने से पहले भारत में दिल्ली, बंगाल, मेवाड़, गुजरात, सिंध, कश्मीर, खानदेश, विजयनगर एवं विच्चिन बहमनी आदि स्वतंत्र राज्य थे।
बाबर को भारत आने का निमंत्रण इब्राहिम लोदी के चाचा आलम खां लोदी और पंजाब के सूबेदार दौलत खान लोदी ने दिया था। क्योंकि पंजाब के सूबेदार दौलत खान को दिल्ली के सुल्तान इब्राहिम लोदी का काम रास नहीं रहा था व साथ मैं इब्राहिम लोदी के चाचा आलम खान दिल्ली की सल्तनत के लिए एक मुख्य दावेदार थे और वो दिल्ली की गद्दी पर राज्य के सपने देख रहे थे। दौलत खां लोदी और आलम खां लोदी बाबर की बहादुरी और उसके कुशल शासन की दक्षता से बेहद प्रभावित हुए इसलिए उन्होंने बाबर को भारत आने का निमंत्रण दिया।
पानीपत का प्रथम युद्ध(21 अप्रैल, 1526 ):-
यह युद्ध दिल्ली के सुल्तान इब्राहिम लोदी और काबुल के तैमूरी शासक बाबर के मध्य लड़ा गया। 12 अप्रैल, 1526 ई. को बाबर और मुग़लों की सेनाएँ पानीपत के मैदान में आयी।और इस युद्ध का आरम्भ 21 अप्रैल 1526 ई.को हुआ । युद्ध पानीपत नामक एक छोटे से गाँव के निकट लड़ा गया था जो वर्तमान भारतीय राज्य हरियाणा में स्थित है। इस युद्ध में बाबर के बेटे हूमायुं ने भी भाग लिया था।अनुमान के मुताबिक बाबर की सेना में लगभग 12,000-25,000 सैनिक और 20 तोपें थीं। इब्राहिम लोदी का सेनाबल 130000 के आसपास था। बाबर ने अपनी सेना की व्यूह-रचना वैज्ञानिक ढंग से की थी। बाबर के घुड़सवारों और तोपखाने के आगे इब्राहीम की विशाल सेना और हाथी न ठहर सके। बाबर ने प्रथम बार इस युद्ध में तुलुगमा युद्ध नीति का प्रयोग किया था और साथ में तोपखाने, गनपाउडर व आग्नेयास्त्रों का प्रयोग भी किया था। बाबर ने तोपों को सजाने के लिए उस्मानी विधि का प्रयोग किया था जिसे रूमी विधि भी कहा जाता है| बाबर के घुड़सवारों और तोपखाने के आगे इब्राहीम की विशाल सेना और हाथी न ठहर सके व इब्राहिम लोदी ने खुद को हारता देख खुद को मार डाला था। कहा जाता है इस युद्ध का फैसला दिन तक ही आ गया था।
पानीपत के इस युद्ध में लूटे गए धन को बाबर ने अपने सैनकों, अधिकारियों एवं सगे सम्बन्धियों में बँटवा दिया था। तथा इस बँटवारे में हुमायूँ को एक कोहिनूर हीरा प्राप्त हुआ , जिसे बाबर ने अजीत सिंह के भाई राजा विक्रमादित्य, को पानीपत के युद्ध में धराशायी करने के बाद उनकी विधवा से प्राप्त किया था।
खानवा का युद्ध (17 मार्च, 1527 ई.) :-
खानवा का युद्ध बाबर और राणा सांगा के बीच फ़तेहपुर सीकरी के पास खानवा नामक स्थान पर लड़ा गया था। इस युद्ध के कारणों के विषय में इतिहासकारों के अनेक मत हैं :-
चन्देरी का युद्ध ( 29 जनवरी 1528 ):-
घाघरा की लड़ाई (06 मई, 1529) :-
बाबर द्वारा लिखी पुस्तकें :-
बाबर की आत्मकथा-
बाबर की आत्मकथा 'बाबरनामा' बाबर ने 'चागताई' भाषा में लिखी थी। जिसका अनुवाद सर्वप्रथम अब्दुर्रहीम खानखाना ने फारसी और श्रीमती बेबरिज ने अंग्रेजी में किया। एलफिंस्टन ने उसकी आत्मकथा के बारे में लिखा है।बाबर ने अपनी किताब 'बाबरनामा' में पांच मुस्लिम शासक और दो हिन्दू शासकों का वर्णन किया है। मुस्लिम शासक दिल्ली, मालवा, गुजरात और बहमनी से संबंधित थे जबकि मेवाड़ और विजयनगर से हिन्दू शासक थे। इसके साथ ही मुगल सम्राट बाबर ने अपनी आत्मकथा (बाबरनामा) में विजयनगर के राजा कृष्णदेव राय को समकालीन भारत का सबसे ज्यादा बुद्धिमान, कुशल और शक्तिशाली सम्राट कहा है।
बाबर की मृत्यु–
हुमायूँ अपने पिता के बाद भारत में मुग़ल शासक बने और दिल्ली की गद्दी पर राज्य किया|
बाबर द्धारा बनवाये गये इमारतों का विवरण
मुग़ल सम्राटों का कालक्रम :-
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FAQ (Frequently Asked Answer) :-
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Answer 1: बाबर ने।
Answer 2: बाबर ने भारत पर पहला आक्रमण 1519 ईं में बाजौर पर किया था और इस आक्रमण में बाबर ने भेरा के किले को जीता था। इस प्रकार बाबर भारत में पहली बार 1519 में भारत आया जबकि 21 अप्रैल,1526 में उसने पानीपत का युद्ध लड़ा था।
Answer 3: बाबर तैमूरलंग का तीसरा पोता था।
Answer 4: बाबर रोड राजधानी दिल्ली के बंगाली मार्केट क्षेत्र में स्थित है|
Answer 5:तैमूर लंग ( 8 अप्रैल 1336 – 18 फ़रवरी 1405) ने तैमूरी राजवंश की स्थापना की थी जो चौदहवी शताब्दी का एक शासक था।
Answer 6: भारत पर आक्रमण:– प्रथम आक्रमण (1519):- उत्तर पश्चिम में बाजौर और भेरा के दुर्ग पर। द्वितीय आक्रमण (1519)-पेशावर पर तृतीय आक्रमण (1520)-बाजौर और भेरा चतुर्थ आक्रमण (1524)-लाहौर पर
Answer 7: चगताई भाषा में|
Answer 8: 5 बार
Answer 9: कुछ इतिहासकारों के अनुसार इब्राहिम लोदी की मौत का बदला लेने के लिए उनकी माँ ने बाबर को ज़हर दे दिया था|
Answer 10: बाबर का मकबरा अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के बाग़-ए-बाबर में है क्योंकि मुगल वंश के संस्थापक बाबर की इच्छा थी कि उनकी समाधि उनके पसंदीदा स्थल बाग-ए-बाबर (Gardens of Babur) में बनाई जाए।
Answer 11: बाबर एक सुन्नी मुसलमान थे।
Answer 12: हुमायूँ ।
Answer 13: चंगेज़ ख़ान (सन् 1162 – 18 अगस्त, 1227) एक मंगोल ख़ान (शासक) था जिसने मंगोल साम्राज्य के विस्तार में एक अहम भूमिका निभाई। चंगेज़ ख़ान मंगोल शासक था, जिसने अपनी तलवार के बल पर एशिया के एक बड़े हिस्से पर क़ब्ज़ा कर लिया था। इतिहास में इतने बड़े हिस्से पर आज तक किसी ने कब्ज़ा नहीं किया।
Answer 14: बाबर अकबर का दादा (बाबा) था।
Answer 15: बाबर।
Answer 16: 4 years ( 1526 -1530 )
Answer 17: घाघरा का युद्ध
Answer 18: Babar (Urdu: بابر ) अर्थ :- बाघ (Tiger )
Answer 19: उस्मानी विधि जिसे रूमी विधि भी कहा जाता है |
Answer 20: जहांगीर और बहादुरशाह जफर के |
Answer21: तोपची थे जिन्होंने पानीपत के युद्ध में तोपों की कमान संभाली थी |
Answer 22: समरकंद में|
Answer 23: बाबर
Answer24: 8 June 1494
Answer25: फारसी
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